गुरुवार, 7 अगस्त 2008

मेरा विकास


गाँव से,
शहर
घर से,
कमरा
खेत की मेंड से,
पार्क की बेंच
मेल-जोल से,
फोन कॉल
ख़त से,
एस एम एस
बस!! इतना भर विकास किया है मैंने

6 टिप्‍पणियां:

श्रद्धा जैन ने कहा…

hmmmmmm sach khate hain
maansikata to ab bhi wahi hai
pahnava badlne se kya hoga
bhaut achhi rachna

شہروز ने कहा…

bahut khoob.
gharon p naam the naamon k saath uhde the
bahut talaash kia koi aadmi na mila

Smart Indian ने कहा…

बहुत अच्छे!

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

Bilkul sahi.............

रंजू भाटिया ने कहा…

सही ....यही किया है हम सब ने

शाहिद समर ने कहा…

गाँव से,
शहर
घर से,
कमरा
खेत की मेंड से,
पार्क की बेंच
मेल-जोल से,
फोन कॉल
ख़त से,
एस एम एस
बस!! इतना भर विकास किया है मैंने
bahut achchha likha
shubhkamnayen. shahidkiduniablogspot.com