शुक्रवार, 27 जून 2008

sapnain

सपनों पर प्रतिबन्ध नहीं
अच्छा -बुरा
छोटा -बड़ा
कलर या ब्लैक एंड व्हाइट
जैसी मर्ज़ी देखो
आँखें तुम्हारी हैं
और नींद भी
सपने भी तो तुम्हारे ही हैं
साकार हों
ये जिद क्यों
जिंदगी को नींद में नहीं
जगी हालत में देखो
सपनों से उलट
लेकिन खूबसूरत हैं
सपने तालाब हैं
और जिंदगी
संघर्षों के बहाव में बहने वाली नदी का नाम है .

1 टिप्पणी:

श्रद्धा जैन ने कहा…

sapne dekh lo kyuki wo hi to hai jo kuch pal muskarahat dete hain
halaki wahi hai jo dukh ka karan bhi bante hain
magar socho ki sapne nahi hue to kya hoga